Wednesday, February 19, 2014

Home Remedies For Dry Cough

खाँसी के घरेलू और आयुर्वेदिक उपचार

  • 375 मिलीग्राम फुलाया हुआ सुहागा शहद के साथ रात्री में लेने से या मुनक्के और मिश्री को मुहं में रखकर चूसने से खाँसी में लाभ मिलता है।
  • 1 ग्राम हल्दी के पाउडर को एक चम्मच शहद में मिलाकर लेने से भी सूखी खाँसी में लाभ मिलता है।
  • आधा तोला अनार की सूखी छाल बारीक कूटकर, छानकर उसमे थोडा सा कपूर मिलायें। यह चूर्ण दिन में दो बार पानी के साथ मिलाकर पीने से भयंकर और कष्टदायक खाँसी मिटती है।
  • सौंफ और मिश्री का चूर्ण मुहं में रखने से रह रह कर होनेवाली गर्मी की खाँसी मिट जाती है।
  • सूखी खाँसी के उपचार के लिए एक छोटे से अदरक के टुकड़े को छील लें और उसपर थोड़ा सा नमक छिड़क कर उसे चूस लें।
  • 2 ग्राम काली मिर्च और 1-1/2 ग्राम मिश्री का चूर्ण या शितोपलादी चूर्ण 1-1ग्राम दिन में 3 बार शहद के साथ चाटने से खाँसी में लाभ होता है।
  • नींबू के रस में 2 चम्मच ग्लिसरीन और 2 चम्मच शहद मिलाकर मिश्रण बना लें, और रोजाना इस मिश्रण का 1 चम्मच सेवन करने से खाँसी से काफी रहत मिलेगी।
  • मेहंदी के पत्तों के काढ़े से गरारे करना लाभदायक सिद्ध होता है।
  • अदरक की चाय का सेवन करने से भी खाँसी ठीक होने में लाभ मिलता है।
  • लंबे समय तक इलायची चबाने से भी खाँसी से राहत मिलती है।
  • लौंग के प्रयोग से भी खाँसी की उत्तेजना से काफी आराम मिलता है।
  • लौंग का तेल, अदरक और लहसून का मिश्रण बार बार होने वाली ऐसी खांसी से राहत दिलाता है जो कि तपेदिक, अस्थमा और ब्रौन्काइटिस के कारण उत्पन्न होती है। यह मिश्रण हर रात को सोने से पहले लें।
  • तुलसी के पत्तों का सार, अदरक और शहद मिलाकर एक मिश्रण बना लें, और ऐसी गंभीर खाँसी के उपचार के लिए लें जो कि तपेदिक और ब्रौन्काइटिस जैसी बीमारियों के कारण शुरू हुई है।
  • सीने में बलगम के जमाव को निष्काषित करने के लिए अंजीर बहुत ही उपयोगी होते हैं, और खाँसी को मिटाने में काफी सहायक सिद्ध होते हैं। 
  • अदरक को पानी में 10-15 मिनट के लिए उबाल लें और उसमें एक दो चम्मच शुद्ध शहद मिलकर दिन में तीन चार बार पीये। ऐसा करने से आपका बलगम बाहर निकलता रहेगा और आपको खांसी में लाभ पहुंचेगा। 


खान पान और आहार
ठंडे खान पान के सेवन से बचें क्योंकि इससे आपके गले की उत्तेजना और अधिक उग्र हो सकती है। और किसी भी तरल पदार्थ को पीने से पहले गर्म ज़रूर करें।
खान पान में पुराने चावल का प्रयोग करें।
ऐसे खान पान का सेवन बिलकुल ना करें जिससे शरीर को ठंडक पहुँचे। खीरे, हरे केले, तरबूज, पपीता और संतरों के सेवन को थोड़े दिनों के लिए त्याग दें।

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